
गौतम सुमन गर्जना /भागलपुर : झारखंड की वरीय आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अवैध खनन का खेल संथाल परगना के तीन जिलों में बेरोकटोक जारी था.इस अवैध कमाई के हिस्से की एक बड़ी राशि से सोने की खरीदारी की जाती थी.खरीदारी संताल परगना के कथित मिनी मुख्यमंत्री कहे जाने वाले एक नेता के इशारे पर होती थी.सबसे ज्यादा सोने की खरीदारी भागलपुर, कोलकाता और साहिबगंज से हुई है।
ईडी के अधिकारी अब काॅल डिटेल के आधार पर आभूषण विक्रेताओं की कुंडली खंगाल रहे हैं. इस खेल में भागलपुर के कुछ बड़े स्वर्ण व्यवसायियों के भी नाम आ रहे हैं.ईडी के कुछ अधिकारी जांच में भागलपुर भी आए हुए हैं.ईडी को इस बात की जानकारी मिली है कि संताल के तीनों जिलों के खनन कार्यालय में तीन लोगों का दबदबा था.बिना इनकी मर्जी के कोई काम नहीं होता था. ईडी के अधिकारियों को इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि इस अवैध कारोबार का मुख्य सरगना संंथाल परगना का एक दीवान परिवार था.उसके दो सहयोगियों निरंजन और भगत का कोलकाता आना-जाना लगा रहता था.
25 करोड़ की राशि से खरीदा गया सोना,भागलपुर के स्वर्ण व्यवसायियों से की गई खरीददारी,सोने के अलावा जुड़ते दिखाई दे रहे भागलपुर में अवैध विस्फोटक के तार
इतना ही नहीं, कुछ दिनों पूर्व भागलपुर में हुए बम विस्फोट के तार भी साहिबगंज से जुड़े हुए थे.पश्चिम बंगाल के कई अलग-अलग स्थानों पर घटना की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पाया है कि बम बनाने वाले बारूद की आपूर्ति साहिबगंज से ही की जाती रही है.इसका मास्टर माइंड भगत ही रहा है.अब ईडी भगत, दीवान और निरंजन के खिलाफ तथ्य जुटाने में जुटी हुई है. इन तीनों के आका के खिलाफ ईडी को प्रामाणिक तथ्य मिल चुके हैं.
विदित हो कि एक सप्ताह के अंदर इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.बताया यह भी जाता है कि साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका में जितने वैध खदान हैं, उनसे कहीं अधिक अवैध खदानों का नियम-कानूनों को दाव पर रखकर संचालन किया जा रहा है.इसके बदले में अवैध कारोबारियों से मोटी रकम ली जाती थी और इसी रकम से बिना टैक्स का भुगतान किए सोने की खरीदारी की जाती रही है.