डेस्क। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार को मंत्री वी सेंथिल को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। राजभवन ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि मंत्री वी सेंथिल पर भ्रष्टचार के कई मामले हैं। इसके अलावा उनपर कई आपराधिक मामले में भी कार्रवाई हो रही है। इसकी वजह से मंत्री वी सेंथिल को मंत्रीपरिषद से बर्खास्त किया गया है। बता दें कि वी सेंथिल फिलहाल ED की जांच का सामना कर रहे हैं और एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें ED ने 14 जून को गिरफ्तार किया था।

13 साल पुराने मामले में लगा भ्रष्टचार का आरोप


सेंथिल बालाजी पर साल 2011 के एक मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। तब वे अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। वे 2011 से 2015 तक परिवहन मंत्री के पद पर थे।

कौन हैं वी सेंथिल बालाजी


वी संथिल बालाजी चार बार विधायक रहे चुके हैं और तमिलनाडु के करूर जिले के रहने वाले हैं। बालाजी ने 1997 में अन्नाद्रमुक के स्थानीय निकाय सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 2006 और 2011 में करूर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए। 2016 में, वह अरवाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई।
हालाँकि, 2018 में, वह मौजूदा सीएम एमके स्टालिन की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी में शामिल हो गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में, वह अरावाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए। वर्तमान में उनके पास बिजली, बिजली और उत्पाद शुल्क मंत्रालय है।

नौकरी के बदले पैसे लेने के मामले में हुए गिरफ्तार


बालाजी को नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जो 2011 और 2015 के बीच हुआ था जब वह एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे। मंत्री पर अपने भाई और निजी सहायक के साथ मिलकर राज्य परिवहन निगमों में ड्राइवरों, कंडक्टरों और तकनीशियनों के रूप में सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करके व्यक्तियों से कई लाख रुपये इकट्ठा करने का आरोप है।

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