श्रवण कुमार । पुलिसकर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को अब बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मान लिया है। बिहार पुलिस केंद्रीय प्रशासी समिति की बैठक में गुरुवार को फैसला हुआ कि अब ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले या इस दौरान घायल होने के बाद इलाज के क्रम में मौत होने पर पुलिसकर्मियों के आश्रितों को एकमुश्त 25 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। पुलिसकर्मी चाहे वह पदाधिकारी हों या सिपाही, हर स्तर पर बराबर राशि के अनुदान का प्रावधान किया गया है। पुलिस महानिदेशक आर. एस. भट्ठी की अध्यक्षता में बिहार पुलिस केंद्रीय प्रशासी समिति की बैठक के बाद डीजीपी के सहायक (कल्याण) विशाल शर्मा ने यह जानकारी दी।

अत्महत्या करने वाले को नहीं मिलेगा अनुदान
आत्महत्या की स्थिति में अनुदान देय नहीं होगा। इसका लाभ बिहार पुलिस के सिपाही, हवलदार, लिपिक, स०अ०नि० पु०अ०नि० पु०नि०, बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारियों एवं भारतीय पुलिस सेवा के सभी पदाधिकारियों को प्राप्त होगा।
अनुदान हेतु अंशदान राशि सभी पदाधिकारियों / कर्मियों के वेतन से निम्नांकित तालिकानुसार वार्षिक अगस्त माह के वेतन से कटौती की जायेगी। उपरोक्त अंशदान परोपकारी कोष के अंशदान के अतिरिक्त होगा।
परोपकारी कोष से मिलने वाले उपरोक्त अनुदान (25 लाख रुपये एक मुस्त) के अलावे अन्य किसी प्रकार का लाभ बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारी एवं भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारी को देय नहीं होगा।

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