किशनगंज। मन में धर्म के प्रति सच्ची आस्था और विश्वास के साथ दृढ इच्छाशक्ति लिए पूर्वोत्तर भारत के आसाम राज्य के नागाँव इलाके से पप्पू पटेल नामक युवक उत्तराखण्ड की पावन देवभूमि केदारनाथ धाम की लंबी पदयात्रा पर निकल पड़ा है। जो 700 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर शुक्रवार की देर शाम पौआखाली पहुंचे। यहाँ उनके रात्रिविश्राम, भोजन पानी इत्यादि का उचित प्रबन्ध नगर के हनुमान मन्दिर धर्मशाला में किया गया था। जहाँ से शनिवार के अहले सुबह तीर्थयात्री पप्पू पटेल हर हर महादेव का जयकारा लगाकर अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ते हैं। इनसे पहले व्यवसायी संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता, युवा व्यवसायी अनूप माहेश्वरी, प्रतीम कुमार,धनञ्जय उर्फ़ टुनटुन सिंह,सचिन साह के अलावे आदि अन्य स्थानीय लोगों ने पप्पू पटेल का स्वागत करते हुए उनके बुलन्द हौसले एवम् ईश्वर के प्रति अटूट आस्था भक्ति के जज्बे को देख हतप्रभ रह गए, इनके मन हृदय श्रद्धाविभोर हो उठे थें। देवभूमि केदारनाथ धाम की पदयात्रा पप्पू पटेल की सकुशल सफल हों इसके लिए बाबा भोलेनाथ से स्थानीय लोगों ने प्रार्थना की है। बताते चलें कि आसाम राज्य के नागाँव से उत्तराखण्ड राज्य स्थित पावन धाम केदारनाथ की दुरी 1500 किलोमीटर है, जिसकी पदयात्रा पर 19 जून को ही पप्पू पटेल अपने घर से निकल पड़े थें। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा है कि, विश्वशांति के साथ ही भारत की आंतरिक शांति सुरक्षा उन्नति एवम् समृद्धि की मनोकामना लिए ही पावन केदारनाथ धाम स्थित बाबा भोलेनाथ के दर्शन को पदयात्रा पर निकला हूँ। पिछले वर्ष भी साईकिल से यात्रा करना चाहा था किन्तु, तब किन्ही कारणों से यात्रा की योजना सफल नही हो पायी थी। पदयात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्य मेरे पदयात्रा को पहले तो अपनी मंजूरी नही दी, लेकिन फिर वे लोग मेरी आस्था श्रद्धाभक्ति व मेरे प्रण तथा दृढ इच्छाशक्ति को देख मुझे रोक नही कर पाए और मुझे ख़ुशी ख़ुशी केदारनाथ धाम की पदयात्रा पर विदा किए। तीर्थ पदयात्रा पर निकले पप्पू पटेल के मुताबिक केदारनाथ धाम पहुँचने में उन्हें तीन महीने का वक्त लग सकता है, जिसमें बिहार के किशनगंज, अररिया,फुलपरास, झंझारपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज फिर उत्तरप्रदेश के कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए पावन धाम केदारनाथ की यात्रा पूर्ण करेंगे। पप्पू पटेल कहते हैं कि पदयात्रा के दौरान रास्ते में अभी तक उन्हें किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नही हुई है। हां, विभिन्न पड़ावों में लोग उनका स्वागत भी करते हैं, जहाँ प्रशासन की आवश्यकता पड़ती है वहां प्रशासन के लोग भी उनकी मदद करते हैं। दृढ संकल्प के साथ 15 सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकल पड़े पप्पू पटेल की बाबा भोलेनाथ के प्रति असीम श्रद्धाभक्ति को देख हर कोई श्रद्धापूर्वक नतमस्तक रह गए।

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