पूर्णिया। बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के तत्वावधान में बिहार पंचायत परिषद सभागार में संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला की अध्यक्षता में समीक्षात्मक निर्णायक महा बैठक आयोजित की गई। जिसमें विधायक नीतू देवी, संरक्षक, जय सिंह राठौड़, बिहार राज्य पंचायत परिषद अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद सिंह, डॉ अमन कुमार, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के साथ-साथ 37 जिलों के जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष, जिला संयोजक के साथ प्रदेश के सक्रिय प्रदेश पदाधिकारीगण उपस्थित हुए। इस बैठक में पंचायती राज मंत्रालय के मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम समय देकर अस्वस्थता के कारण उपस्थित नही हो सके। जिसके बाद उन्होंने बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के 11 सदस्या शिष्टमंडल को अपने आवास पर बुलाकर मुलाकात किया। जिसमें बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने पंचायतीराज मंत्री को 11 सूत्री मांगो वाली ज्ञापन सौपकर जल्द से जल्द अमल में लाने का आग्रह किया। जिसपर पंचायतीराज मंत्री ने ज्ञापन को लेकर 11 में से 7 मांगो को लागू करवाने का भरोसा दिया। जिन 7 मांगो को मानने की बात कही गयी है उसमें पंचायत में होने वाले विकासानात्मक कार्यों का सरपंच को समीक्षा का अधिकार, ग्राम कचहरी प्रहरी का स्थायी नियोजन, ग्राम कचहरी के जनप्रतिनिधियों के पेंशन एवं मासिक नियत भत्ता में बढ़ोतरी के साथ ही बंशावली बनाने का अधिकार पुनः बहाल करना, षष्टम वित्त आयोग के द्वारा कार्यालय सहायता अनुदान, भवन किराया राशि, प्रसाशनिक व्यय मद की राशि बढ़ोतरी शामिल है। संघ द्वारा अन्य जो मांगे पंचायतीराज मंत्री द्वारा विचाराधीन रखा गया है उसमें 1. सभी ग्राम कचहरियों में चौकीदार, प्रहरी, आदेशपाल, अमीन और कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जाय। 2. बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय चुनाव में मतदाता बनाया जाय। 3. रिक्त सचिव, न्याय मित्रो और प्रहरी की नियुक्ति हो और स्थानांतरण करने की भी व्यवस्था बने। 4. धारा 90 से 122 तक का अनुपालन हो और पुलिस प्रशासन का हस्तक्षेप बंद हो। 5. सरपंच को मजिस्ट्रेट का पावर मिले, कचहरियों में सुविधाएं बहाल हो। 6. ग्राम कचहरी सदस्यों पर हमले पर रोक लगे। इन्ही मुद्दों को लेकर पूर्णिया जिला सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष आजउर रहमान उर्फ पप्पू भाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंचायत के विकास कार्यों में पंच-सरपंच की कोई भागीदारी नही है जिससे गाँवो में नल का जल, गली नाली पक्कीकरण, पंचायत सरकार भवन निर्माण समेत कई काम किये गए है। अब सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए जा रहे है। हकीकत में गाँवो के विकास के किसी काम मे सरपंच या पंच की कोई भागीदारी ही नही है। ग्राम कचहरी के न्यायालय में जो सुनवाई भी होती है उसे भी अमल करवाने में ग्राम कचहरी सक्षम नही है। यही कारण है कि “पावर” के लिए पंच-सरपंच वर्ष 2006 से ही संघर्षरत है। आगे आजउर रहमान उर्फ पप्पू भाई ने कहा कि जो मांगे बच गयी है अगर वह तीन माह में पूरी नही होती है तो 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन चंपारण से संघ राज्यव्यापी यात्रा शुरू करेगी। 39 दिनों तक राज्य भर में अलख जगाने के बाद 40 वें दिन आठ हजार चौवन सरपंच एवं एक लाख ग्यारह हजार पंच राज्यपाल के समक्ष सामुहिक इस्तीफा देंगे। वही बिहार प्रदेश मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथलेश कुमार राय द्वारा पंचायतीराज विभागीय मंत्री के बयान की मुखिया के कार्यों की सरपंच द्वारा समीक्षा किये जाने पर नाराजगी जताने वाले बयान के साथ पंचायती राज मंत्री पर कानून की जानकारी नही होने के वक्तव्य की निंदा करते हुए अजाउर रहमान उर्फ पप्पू भाई ने कहा जो मतदाता उनको मतदान कर मुखिया बनाते है वही मतदाता सरपंच को भी मतदान कर सरपंच बनाते है तो फिर मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष को इतनी नाराजगी क्यों? मुखिया हो या सरपंच के साथ अन्य जनप्रतिनिधि समाज का ही विकासानात्मक कार्य करने के लिए समाज द्वारा जनमत से नेतृत्व करने का अधिकार देती है। उसी को साकार करने के लिए पंच-सरपंच संघ जब अपना अधिकार सरकार से मांगती है तो पंचायत के दूसरे प्रतिनिधियों को भी साथ देना चाहिए ना कि उनका अपमान। आंदोलन को लेकर कहा कि 14 अगस्त को जिला मुख्यालय के साथ सभी प्रखण्ड मुख्यालयो में विशेष कार्य पदाधिकारी आलोक कुमार के नोकरशाही, अफसरशाही मनमानी तानाशाही के खिलाफ पुतला दहन करते हुए तुगलकी फरमान आदेश की प्रति को जलाया जाएगा। अजाउर रहमान ने कहा विभागीय विशेष कार्य पदाधिकारी आलोक कुमार ने मनमाने तरीके से आदेश निकालकर सरकार को बदनाम करने की साजिश की है। उन्होंने मंत्रालय की सहमति लिए बगैर आदेश निकालने पर सरपंचों को अपमानित करने का कार्य किया है। इसलिए मुख्यमंत्री के साथ पंचायतीराज मंत्री से ऐसे पदाधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग किये है।

FacebookMastodonEmailShare

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here