पूर्णिया में एक फर्जी आईएएस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर लोगों से ठगी करता था। फर्जी सचिव बताकर थानेदार और ड्रग इंस्पेक्टर से छापेमारी करवाता था। साथ ही सीटी एसपी भागलपुर, सीओ, कई एसडीपीओ और थानेदार तक को कॉल करके पैरवी और छापेमारी करवाता था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी मो. नाजिर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लाइन बाजार शिव मंदिर स्थित एक फर्जी लॉज में छापेमार कर फर्जी प्रधान सचिव को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार फर्जी ठग फर्जी प्रधान सचिव के पास से 35 लाख से अधिक के 30 चेक, फर्जी आर्म्स लाइसेंस, फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने का दर्जन आवेदन, नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लिए गए दर्जनों दस्तावेज, 4 पीस मोहर, खाद्य बीज का फर्जी लाइसेंस बनाने से जुड़े दर्जनों दस्तावेज मिले हैं। गिरफ्तार फर्जी सचिव की पहचान रजनी चौक भट्टा बाजार निवासी मो. बिलाल अहमद के रूप में की गई।
सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि बीते 4 महीने से शातिर ठग फोन पर खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर पुलिस के अधिकारियों को कॉल कर रहा था। फर्जी ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव का धौंस दिखाकर वो सिटी एसपी भागलपुर, कई डीएसपी, सीओ, थानेदार और ड्रग इंस्पेक्टर को कॉल कर छापेमारी करवाता था। वो छापेमारी करवाने को लेकर फोन पर अधिकारियों को कॉल कर विभाग के सीनियर से शिकायत करने की धमकी देता था। इससे थानेदार, सीओ, एसडीपीओ, ड्रग इंस्पेक्टर परेशान रहते। पुलिस जब छापेमारी करने अधिकारी जाते तो उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता।
एसडीपीओ ने बताया कि पूछताछ में ठग ने बताया कि हैरत की बात है कि ये छापेमारी ठग उन्हीं के यहां करवाता जिनसे वो ठगी करता था। ठग खुद को प्रधान सचिव बता पुलिस को कॉल करता। गांजा और शराब की खेप छिपाए रखे होने की बात बताकर डिटेल भेजता और छापेमारी करवाता था। ठग ने अपने साले तक को नहीं छोड़ा। उसके यहां भी छापेमारी करवाया चुका है। इसके बाद से ही पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी।शातिर ठग ने पुलिस को बताया कि उसने लोगों से ठगी करने के लिए साल भर पहले जन-जीवन नाम की खाद्य-बीज की कंपनी बनाई। इसके बाद खाद्य -बीज का फर्जी लाइसेंस दिलाने के नाम पर उसने 50 से अधिक लोगों से ठगी की। वो ये रुपए चेक या फिर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से लेता था।